मोहब्बत को वापस पाने का वज़ीफ़ा,दुआ for Love, मोहब्बत का वज़ीफ़ा | मिया बीवी की मोहब्बत का वज़ीफ़ा | Wazifapower.Com

अस्सलामु अलैकुम 🌸

मियां-बीवी की मोहब्बत सिर्फ़ एक रिश्ता नहीं बल्कि पूरी ज़िंदगी की बुनियाद है। अगर शादीशुदा ज़िंदगी में मोहब्बत, भरोसा और एहतराम क़ायम रहे तो घर जन्नत जैसा बन जाता है। लेकिन जब दिलों में दूरियाँ आने लगती हैं, बात-बात पर झगड़े शुरू हो जाते हैं और मोहब्बत कम होने लगती है, तो यही घर इंसान के लिए परेशानियों का गढ़ बन जाता है।


“अगर आप सच में चाहते हैं कि आपके दिल में मोहब्बत पैदा हो और आपके रिश्तों में सुकून और बरकत आए, तो कृपया इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें। हम आपको सात असरदार अमल और वज़ीफ़े बताएँगे — हर अमल ऐसा कि पढ़ते ही आपका दिल और दिमाग पूरी तरह जुड़ जाएगा। चाहे आप शौहर के दिल में मोहब्बत चाहते हों, बीवी के दिल में, घरवालों, दोस्तों या कारोबार में — इन सात अमलों से इनशा’अल्लाह आपके रिश्तों में मोहब्बत और इज़्ज़त की बारिश होगी। हर हिस्सा अपने आप में मुकम्मल है, इसलिए इसे धीरे-धीरे और ध्यान से पढ़ें।”

कुरआन-ए-करीम में अल्लाह तआला ने निकाह और मियां-बीवी के रिश्ते को “सुकून और मोहब्बत का ज़रिया” बताया है:

وَمِنْ آيَاتِهِ أَنْ خَلَقَ لَكُم مِّنْ أَنفُسِكُمْ أَزْوَاجًا لِّتَسْكُنُوا إِلَيْهَا وَجَعَلَ بَيْنَكُم مَّوَدَّةً وَرَحْمَةً
(सूरह अर-रूम: 21)

तरजुमा: “और उसकी निशानियों में से ये भी है कि उसने तुम्हारे लिए तुम्हीं में से जोड़ियाँ बनाईं ताकि तुम उनके पास सुकून हासिल करो, और उसने तुम्हारे दरमियान मोहब्बत और रहमत क़ायम कर दी।”

इस आयत से मालूम होता है कि मोहब्बत, रहमत और सुकून अल्लाह तआला की दी हुई नेमत है। मगर इंसानी ग़लतियों, ग़फ़लत, गुस्से और शैतान की चालों की वजह से कभी-कभी ये मोहब्बत कम हो जाती है।

यहीं से शुरू होती है इंसान की तलाश — कौन सा अमल या वज़ीफ़ा किया जाए कि मियां-बीवी के दिल में मोहब्बत बढ़े? कौन सी दुआएँ और कुरआनी आयतें पढ़ने से दिलों में मोहब्बत पैदा होती है?

अगर आप भी चाहते हैं कि आपका शौहर (या बीवी) आपसे सच्ची मोहब्बत करें, आपकी कद्र करें और घर में प्यार व सुकून कायम हो — तो इस आर्टिकल में हम आपको कुरआन और हदीस की रौशनी में ऐसे अज़मूदा वज़ीफ़े और दुआएँ बताएंगे जो आपकी ज़िंदगी बदल सकती हैं।


🔹 पहला वज़ीफ़ा: मियां-बीवी की मोहब्बत बढ़ाने के लिए कुरआनी अमल

कुरआन-ए-करीम इंसान की हर परेशानी का हल है। मोहब्बत और रहमत पैदा करना भी उसी अल्लाह के हाथ में है जिसने दिल बनाए हैं। अगर आप चाहते हैं कि आपके शौहर या बीवी के दिल में मोहब्बत पैदा हो और घर में मोहब्बत की फिज़ा कायम हो, तो ये आसान और अज़मूदा वज़ीफ़ा कीजिए:

🌿 अमल का तरीका:

  1. सबसे पहले वुज़ू कर लीजिए।
  2. एक साफ़-सुथरी जगह पर बैठ जाइए।
  3. 11 बार दुरूद-ए-इब्राहीमी पढ़ें।
  4. अब 313 बार ये आयत पढ़ें:

رَّبِّ لَا تَذَرْنِي فَرْدًا وَأَنتَ خَيْرُ الْوَارِثِينَ
(सूरह अल-अंबिया: 89)

🌿 इसका मक़सद:

इस आयत को पढ़ने से दिलों में नरमी पैदा होती है, अल्लाह तआला मोहब्बत और रहमत डाल देता है। यह दुआ न सिर्फ़ औलाद के लिए, बल्कि मोहब्बत और रिश्तों की मजबूती के लिए भी असरदार है।

  1. आयत खत्म करने के बाद फिर 11 बार दुरूद-ए-इब्राहीमी पढ़ें।
  2. अब अल्लाह तआला से सच्चे दिल से दुआ कीजिए कि – “ऐ अल्लाह, मेरे और मेरे शौहर/बीवी के दिल में मोहब्बत और रहमत पैदा कर दे, हमारे रिश्ते को मजबूती अता फरमा और हमारे घर को जन्नत जैसा बना दे।”

🌟 हदीस का हवाला

रसूलुल्लाह ﷺ ने फ़रमाया:

“सबसे बेहतरीन तुम में वह है जो अपनी बीवी के साथ अच्छा है।”
(तिर्मिज़ी)

यानी अगर इंसान अपनी बीवी से अच्छा सलूक करेगा, मोहब्बत से पेश आएगा तो अल्लाह भी उसकी ज़िंदगी में बरकत अता करेगा।


✅ नसीहत

मोहब्बत सिर्फ़ वज़ीफ़ों से नहीं बढ़ती, बल्कि इंसानी रवैये से भी बढ़ती है। कोशिश करें कि:

मीठी ज़बान इस्तेमाल करें।

छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा न करें।

एक-दूसरे की गलतियाँ माफ़ करें।

नमाज़ और दुआ में एक-दूसरे का नाम लेकर दुआ करें।


🔹 दूसरा वज़ीफ़ा: किसी के भी दिल में मोहब्बत पैदा करने का अमल

दिलों का मालिक सिर्फ़ अल्लाह तआला है। इंसान कितनी भी कोशिश कर ले, जब तक अल्लाह न चाहे किसी के दिल में मोहब्बत पैदा नहीं हो सकती। लेकिन कुरआन और हदीस की दुआओं से अल्लाह की रहमत से मोहब्बत दिलों में डाली जा सकती है।

🌿 अमल का तरीका:

  1. सबसे पहले वुज़ू कर लीजिए।
  2. दो रकअत नफ़्ल नमाज़ मोहब्बत और सुलह की नीयत से पढ़ें।
  3. नमाज़ के बाद 7 बार यह आयत पढ़ें:

إِنَّ الَّذِينَ آمَنُوا وَعَمِلُوا الصَّالِحَاتِ سَيَجْعَلُ لَهُمُ الرَّحْمَٰنُ وُدًّا
(सूरह मरयम: 96)

🌿 तरजुमा:

“बेशक जो लोग ईमान लाए और नेक काम किए, रहमान उनके लिए मोहब्बत पैदा कर देगा।”

यह आयत मोहब्बत और दिलों की कशिश के लिए बहुत असरदार है।

  1. इस आयत को पढ़ने के बाद 100 बार “या वदूदु” (يَا وَدُودُ) पढ़ें।

“या वदूदु” अल्लाह का एक बहुत खूबसूरत नाम है जिसका मतलब है – “बहुत ज्यादा मोहब्बत करने वाला।”

  1. आखिर में 11 बार दुरूद-ए-इब्राहीमी पढ़ें।
  2. अब जिस इंसान के दिल में मोहब्बत पैदा करनी है, उसका नाम लेकर दुआ करें:

“ऐ अल्लाह! (फलां बिन फलां) के दिल में मेरे लिए मोहब्बत पैदा कर दे, हमारे रिश्ते को रहमत और सुकून वाला बना दे।”


🌟 हदीस का हवाला

रसूलुल्लाह ﷺ ने फ़रमाया:

“जब अल्लाह किसी बंदे से मोहब्बत करता है तो जिब्रील (अ.स) को बुलाकर फ़रमाता है: मैं फलां से मोहब्बत करता हूँ, तुम भी उससे मोहब्बत करो। फिर जिब्रील फ़रिश्तों में आवाज़ लगाते हैं कि अल्लाह फलां से मोहब्बत करता है, तुम भी उससे मोहब्बत करो। फिर उसके लिए ज़मीन वालों के दिलों में मोहब्बत डाल दी जाती है।”
(बुख़ारी व मुस्लिम)

इस हदीस से मालूम हुआ कि असली मोहब्बत अल्लाह ही पैदा करता है।


✅ नसीहत

मोहब्बत पाने के लिए गुनाहों से बचना जरूरी है।

नमाज़ और तिलावत-ए-कुरआन को आदत बना लें।

झूठ, धोखा और बेवफ़ाई मोहब्बत को खत्म कर देते हैं।

अल्लाह का नाम लेकर हर काम शुरू करें।



🔹 तीसरा वज़ीफ़ा: शौहर के दिल में मोहब्बत पैदा करने का अमल

🌿 अमल का तरीका:

  1. हर नमाज़ के बाद वुज़ू की हालत में बैठें।
  2. 11 बार दुरूद-ए-इब्राहीमी पढ़ें।
  3. अब 41 बार यह आयत पढ़ें:

وَأَلَّفَ بَيْنَ قُلُوبِهِمْ ۚ لَوْ أَنفَقتَ مَا فِي الْأَرْضِ جَمِيعًا مَّا أَلَّفْتَ بَيْنَ قُلُوبِهِمْ وَلَـٰكِنَّ اللَّهَ أَلَّفَ بَيْنَهُمْ ۚ إِنَّهُ عَزِيزٌ حَكِيمٌ
(सूरह अल-अनफ़ाल: 63)

🌿 तरजुमा:

“और अल्लाह ने उनके दिलों में मोहब्बत डाल दी। अगर तुम सारी दुनिया का माल खर्च कर देते तो भी उनके दिलों में मोहब्बत न डाल सकते, लेकिन अल्लाह ने उनके दिलों को जोड़ दिया। बेशक वह बड़ा ताक़तवर और हिकमत वाला है।”

  1. इसके बाद 101 बार अल्लाह का नाम “या वदूदु” (يَا وَدُودُ) पढ़ें।
  2. आखिर में फिर 11 बार दुरूद-ए-इब्राहीमी पढ़ें।
  3. अब दुआ करें:

“ऐ अल्लाह! मेरे शौहर (फलां बिन फलां) के दिल में मेरे लिए मोहब्बत और कद्र पैदा कर दे, हमारे रिश्ते को रहमत और बरकत से भर दे, और हमें नेक रास्तों पर एक-दूसरे का सहारा बना।”


🌟 हदीस का हवाला

रसूलुल्लाह ﷺ ने फ़रमाया:

“दुनिया की सबसे बेहतरीन नेमत नेक बीवी है।”
(सहीह मुस्लिम)

यानी अगर औरत अपने शौहर के लिए वफ़ादार और मोहब्बत करने वाली हो, तो यह अल्लाह की तरफ़ से बड़ी रहमत है।


✅ नसीहत

औरत को चाहिए कि वह शौहर के साथ हुस्न-ए-अख़लाक़ से पेश आए।

शौहर की जायज़ बातों में उसकी इताअत करे।

घर को जन्नत बनाने के लिए सब्र और मोहब्बत का दामन थामे।

अगर शौहर ग़ुस्से में हो तो ख़ामोशी इख़्तियार करे।


🔹 चौथा वज़ीफ़ा: बीवी के दिल में मोहब्बत पैदा करने का अमल

🌿 अमल का तरीका:

  1. सबसे पहले वुज़ू कर लें और नमाज़-ए-ईशा के बाद यह अमल करें।
  2. 7 बार सूरह अल-फातिहा पढ़ें।
  3. फिर 3 बार यह आयत पढ़ें:

وَجَعَلَ بَيْنَكُم مَّوَدَّةً وَرَحْمَةً
(सूरह अर-रूम: 21)

🌿 तरजुमा:

“और अल्लाह ने तुम्हारे दरमियान मोहब्बत और रहमत पैदा कर दी।”

  1. इसके बाद 101 बार अल्लाह का नाम “या वदूदु” (يَا وَدُودُ) और 101 बार “या लतीफ़ु” (يَا لَطِيفُ) पढ़ें।
  2. आखिर में 11 बार दुरूद-ए-इब्राहीमी पढ़ें।
  3. अब अपनी बीवी का नाम लेकर अल्लाह से दुआ करें:

“ऐ अल्लाह! मेरी बीवी (फलां बिन्त फलां) के दिल में मेरे लिए सच्ची मोहब्बत और वफ़ादारी पैदा कर दे। हमारे रिश्ते को मोहब्बत, रहमत और बरकत से मज़बूत कर दे।”


🌟 हदीस का हवाला

रसूलुल्लाह ﷺ ने फ़रमाया:

“ईमान वालों में सबसे पूरा ईमान वाला वह है जिसका अख़लाक़ सबसे अच्छा है। और तुम में सबसे अच्छे वह हैं जो अपनी बीवियों के साथ अच्छा सलूक करते हैं।”
(तिर्मिज़ी शरीफ़)

इससे मालूम हुआ कि जब शौहर बीवी से मोहब्बत से पेश आता है, तो अल्लाह तआला बीवी के दिल में भी मोहब्बत पैदा कर देता है।


✅ नसीहत

शौहर को चाहिए कि बीवी की छोटी-छोटी ख्वाहिशों का ख्याल रखे।

बीवी की इज़्ज़त करे और उसके जज़्बात की कद्र करे।

कभी भी सख़्त लहजे या बेज़ारी से बात न करे।

घर में मोहब्बत बढ़ाने के लिए नमाज़ और कुरआन की तिलावत साथ में करें।


🔹 पाँचवाँ वज़ीफ़ा: घरवालों और ससुराल वालों के दिल में अपनी मोहब्बत पैदा करने का अमल

बहुत से लोग शिकायत करते हैं कि उनके अपने ही घर वाले, या फिर ससुराल वाले, उनसे नफरत करने लगते हैं। उनकी बातों की इज़्ज़त नहीं करते, हर वक़्त लड़ाई-झगड़ा रहता है और माहौल खराब हो जाता है। ऐसे में इंसान की ज़िंदगी जहन्नुम बन जाती है। लेकिन कुरआन और हदीस की बरकत से अल्लाह तआला दिलों को बदल देता है और मोहब्बत पैदा कर देता है।


🌿 अमल का तरीका:

  1. हर रोज़ सुबह फ़ज्र की नमाज़ के बाद वुज़ू की हालत में बैठें।
  2. 7 बार सूरह अल-इख़लास पढ़ें।
  3. अब 3 बार यह आयत पढ़ें:

إِنَّ الَّذِينَ آمَنُوا وَعَمِلُوا الصَّالِحَاتِ سَيَجْعَلُ لَهُمُ الرَّحْمَٰنُ وُدًّا
(सूरह मरयम: 96)

🌿 तरजुमा:

“जो लोग ईमान लाए और नेक काम किए, रहमान उनके लिए मोहब्बत पैदा कर देगा।”

  1. इसके बाद 111 बार अल्लाह का नाम “या वदूदु” (يَا وَدُودُ) और 111 बार “या सलामु” (يَا سَلَامُ) पढ़ें।
  2. आखिर में दुआ करें:

“ऐ अल्लाह! मेरे घरवालों और ससुराल वालों के दिल में मेरे लिए मोहब्बत और इज़्ज़त पैदा कर दे, हमारे रिश्तों में सुकून और रहमत अता फरमा।”


🌟 हदीस का हवाला

रसूलुल्लाह ﷺ ने फ़रमाया:

“मुसलमान वह है जिसकी ज़बान और हाथ से दूसरे मुसलमान सुरक्षित रहें।”
(सहीह बुख़ारी)

यानी अगर इंसान अपने घरवालों और रिश्तेदारों के साथ मोहब्बत और अच्छे अख़लाक़ से पेश आएगा तो अल्लाह उनके दिलों में भी मोहब्बत डाल देगा।


✅ नसीहत

घरवालों की छोटी-छोटी बातों को नज़रअंदाज़ करें।

झगड़े की शुरुआत कभी खुद न करें।

अगर ससुराल वाले सख़्ती करें तो सब्र से काम लें।

हमेशा नमाज़ में उनके लिए भी भलाई की दुआ करें।


🔹 छठा वज़ीफ़ा: दोस्तों और रिश्तेदारों के दिल में मोहब्बत पैदा करने का अमल

रिश्ते सिर्फ़ नज़दीकी खून या शादी तक ही सीमित नहीं होते। कभी-कभी दोस्त और रिश्तेदार भी दिल को तकलीफ़ देते हैं, जज़्बात ठंडे हो जाते हैं और मोहब्बत कम हो जाती है। कुरआन और हदीस में अल्लाह ने सिखाया है कि इंसान अपने इख़लास और दुआओं से रिश्तों में मोहब्बत बढ़ा सकता है।


🌿 अमल का तरीका:

  1. किसी भी नमाज़ के बाद वुज़ू की हालत में बैठें।
  2. 7 बार सूरह अल-फातिहा पढ़ें।
  3. अब यह आयत 11 बार पढ़ें:

وَالَّذِينَ آمَنُوا أَشَدُّ حُبًّا لِلَّهِ
(सूरह अल-बकरी: 165)

🌿 तरजुमा:

“और जो लोग ईमान लाए, उनके दिल अल्लाह के प्रति सबसे अधिक मोहब्बत करते हैं।”

इस आयत को पढ़ने से दिल में सच्ची मोहब्बत पैदा होती है और लोग आपके प्रति नरमी और सम्मान महसूस करते हैं।

  1. इसके बाद 101 बार अल्लाह का नाम “या वदूदु” (يَا وَدُودُ) पढ़ें।
  2. फिर 11 बार दुरूद-ए-इब्राहीमी पढ़ें।
  3. अब जिन दोस्तों या रिश्तेदारों के दिल में मोहब्बत चाहिए, उनके नाम लेकर दुआ करें:

ऐ अल्लाह! (फलां बिन/बिन्त फलां) के दिल में मेरे लिए सच्ची मोहब्बत और सम्मान पैदा कर दे, हमारे रिश्ते को सुकून और बरकत वाला बना दे।”


🌟 हदीस का हवाला

रसूलुल्लाह ﷺ ने फ़रमाया:

“ईमानदार व्यक्ति वह है जो अपने मुसलमान भाई के लिए वही चाहता है जो वह अपने लिए चाहता है।”
(सहीह बुख़ारी)

इस हदीस से मालूम होता है कि दोस्ती और रिश्तेदारी में सच्चाई और इख़लास जरूरी है। मोहब्बत और प्यार का रास्ता दुआ और नेक व्यवहार से ही आसान होता है।


✅ नसीहत

रिश्तेदारों और दोस्तों की बुरी बातों पर गुस्सा न करें।

छोटी-छोटी मदद करने से भी दिलों में मोहब्बत पैदा होती है।

हमेशा उनकी भलाई की दुआ करें।

झगड़े या ग़ुस्से में कोई कदम न उठाएं; सब्र और सलीक़े से पेश आएं।


🔹 सातवाँ वज़ीफ़ा: कारोबार और नौकरी में लोगों के दिल में मोहब्बत और सम्मान पैदा करने का अमल

कई बार इंसान मेहनत तो करता है लेकिन लोग उसका सम्मान नहीं करते, या ग्राहकों/कर्मचारियों का भरोसा नहीं होता। कुरआन और हदीस की दुआओं से अल्लाह तआला लोगों के दिलों में मोहब्बत और सम्मान डाल देता है।


🌿 अमल का तरीका:

  1. हर रोज़ सुबह वुज़ू कर लें।
  2. 2 रकअत नफ़्ल नमाज़ पढ़ें।
  3. नमाज़ के बाद 7 बार यह आयत पढ़ें:

وَقُلِ اعْمَلُوا فَسَيَرَى اللَّهُ عَمَلَكُمْ وَرَسُولُهُ وَالْمُؤْمِنُونَ
(सूरह अत-तौबा: 105)

🌿 तरजुमा:

“कह दो, काम करो, अल्लाह तुम्हारे काम देखेगा, उसका रसूल और ईमान वाले भी देखेंगे।”

इस आयत का पढ़ना यह सिखाता है कि नेक काम और अच्छा व्यवहार लोगों के दिलों में मोहब्बत पैदा करता है।

  1. इसके बाद 101 बार अल्लाह का नाम “या वदूदु” (يَا وَدُودُ) पढ़ें।
  2. फिर 11 बार दुरूद-ए-इब्राहीमी पढ़ें।
  3. अब अपने साथियों, ग्राहकों या बॉस का नाम लेकर दुआ करें:

“ऐ अल्लाह! (फलां बिन/बिन्त फलां) के दिल में मेरे प्रति मोहब्बत और सम्मान पैदा कर दे, हमारे रिश्ते को सुकून और बरकत वाला बना दे।”


🌟 हदीस का हवाला

रसूलुल्लाह ﷺ ने फ़रमाया:

“सबसे बेहतरीन व्यक्ति वह है जो अपने काम में सच्चा और ईमानदार हो और लोगों के साथ अच्छा सलूक करे।”
(सहीह मुस्लिम)

यानी कारोबार या नौकरी में भी सच्चाई और अच्छाई से काम करने वाला व्यक्ति लोगों के दिल में मोहब्बत और इज़्ज़त पैदा करता है।


✅ नसीहत

हमेशा अपने साथी और ग्राहकों के साथ नेक व्यवहार करें।

झूठ, धोखा या लालच से दूर रहें।

लोगों के काम की तारीफ़ करें और मदद करें।

नमाज़, दुआ और अल्लाह के नाम के साथ हर काम शुरू करें।


“अगर आपको किसी भी तरह की जानकारी, सलाह या मदद चाहिए, तो हमारे Instagram पेज पर DM करें या मैसेज भेजें। हमारे पेज पर आपको कुरआन और हदीस की रोशनी में बनाये गए वीडियो, असरदार अमल और दुआएँ मिलेंगी। बेहतर नतीजों के लिए पेज को अभी फॉलो करें और हर नई पोस्ट की जानकारी सबसे पहले पाएं!”

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हर मकसद का वज़ीफ़ा – सफलता, बरकत और सुकून के लिए।

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