
रमजान 2025: इबादत, सब्र और बरकत का महीना
रमजान इस्लाम का सबसे पाक महीना है, जिसमें इबादत, रोजा (उपवास), और कुरान की तिलावत का विशेष महत्व होता है। यह माह आत्मशुद्धि, संयम और खुदा की रहमतों को समर्पित होता है।
रोजा (उपवास) का महत्व
रोजा सिर्फ भूखे-प्यासे रहने का नाम नहीं, बल्कि आत्मसंयम और अल्लाह के प्रति समर्पण का प्रतीक है। फज्र (सुबह) से लेकर मगरिब (सूर्यास्त) तक हर मुसलमान रोजा रखता है, जिसमें खाने-पीने और गलत कार्यों से दूर रहना होता है। यह इंसान को धैर्य, संयम और गरीबों के दर्द को महसूस करने का अवसर देता है।
नमाज और इबादत
रमजान में पाँच वक्त की नमाज के साथ-साथ तरावीह की विशेष नमाज अदा की जाती है, जो कुरान की तिलावत के साथ होती है। इस महीने में इबादत करने का सवाब कई गुना बढ़ जाता है।
कुरान और रमजान
रमजान वही पाक महीना है जिसमें अल्लाह ने अपने पैगंबर मोहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) पर कुरान शरीफ नाजिल किया। इसलिए इस माह में कुरान की तिलावत का खास महत्व होता है। मुसलमान इस महीने में ज्यादा से ज्यादा कुरान पढ़ते और समझते हैं, ताकि वे अल्लाह की रहमतें और बरकतें हासिल कर सकें।
रमजान का संदेश
रमजान सिर्फ इबादत का महीना ही नहीं, बल्कि आपसी भाईचारे, दया, और परोपकार का भी संदेश देता है। इस महीने में जरूरतमंदों की मदद करना, ज़कात देना और अच्छे कामों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए।
ईद-उल-फित्र की खुशी
रमजान के पूरे होने पर ईद-उल-फित्र मनाई जाती है, जो रोजेदारों के लिए अल्लाह की तरफ से एक इनाम है। इस दिन लोग एक-दूसरे को मुबारकबाद देते हैं और खुशियां मनाते हैं।
रमजान 2025 की आप सभी को दिली मुबारकबाद! अल्लाह हमें इस पाक महीने की बरकतों से नवाजे और हमारे गुनाहों को माफ करे। आमीन!