शबे बरात में बैर के पत्ते से नहाने से क्या होता है/shabe barat me ber ke patti se kese nahaye / Wazifa Power / Shab e Barat ki Fazilat Hindi ME

अस्सलामु अलैकुम वरहमतुल्लाहि व बरकातुह मोहतरम हज़रात शब ए बारात में
बेरी के पत्ते से अक्सर लोग ग़ुस्ल करते हैं


आप भी करते होंगे तो अगर नहीं करते हैं तो
इंशाल्लाह आज के बाद जब आप इस post को
पूरी देख लेंगे तो इंशाअल्लाह आप भी बेरी के पत्ते से शब ए बारात मे ज़रूर ग़ुस्ल करेंगे


तो आखिर शब ए बारात मे बेरी के पत्ते से ग़ुस्ल क्यों किया जाता है उस के फायदे क्या है और ये कहाँ से साबित है और किस तरह से ग़ुस्ल करना चाहिए


बेरी के कितने पत्ते लेने चाहिए कहाँ से लेने चाहिए


आज मैं पूरी बात आपको इस post में बताऊंगा
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मोहतरम सामा-ए -नाज़रीन शबान-उल- मोआज़्ज़म की 14 बी तारीख़ का दिन गुज़ारने के बाद जो रात 15 बी शब आती है उस रात में बादे मगरिब अक्सर हज़रात जो है वो बेरी के पत्ते से ग़ुस्ल करते
हुए आपको नजर आ जाएंगे बहुत सारे लोगों बेरी के
पत्ते से ग़ुस्ल करते हैं

तो आप देखते होंगे बहुत सारे हज़रात बेरी के पत्ते से ग़ुस्ल कर रहे हैं तो आप
सोचते होंगे कि आखिर बेरी के पत्ते से शब ए बारात मे ग़ुस्ल करने के क्या फायदे है उस के फायदे जब आप सुनेगे तो इंशाअल्लाह उल अज़ीज़ आप भी शब ए बारात में ग़ुस्ल करने पर मजबूर हो जाएंगे आप पूरी वीडियो को जरूर देखें


उस के दो शब ए बारात में बेरी के पत्ते से ग़ुस्ल करने के दो तरीके है
उन दोनों तरीको को आप बिल्कुल ध्यान से सुने

  • सबसे पहला तरीका यह है बेरी के 7 पत्ते लें और उसको किसी चीज से रगड़कर के बिल्कुल बारीक
  • कर लें और उसे पीस ने के बाद उसमें थोड़ा सा पानी भी मिला
  • दें और पानी मिलाने के बाद एक बार आयतल
  • कुर्सी पढ़ लें और आयतल कुर्सी पढ़ने के
  • बाद उस पर दम कर लें फिर से एक बार आप सुन लें
  • के आप बेरी के 7 पत्ते लें उसे पीस लें
  • बिलकुल अच्छी तरीके से इसमें पानी मिला
  • दें और उस पानी के ऊपर एक बार आयतल कुर्सी
  • पर करके दम कर दें और 3 घूंट पानी पी लें कितने घूंट 3 घूंट और फिर उसके बाद जितना भी पानी उसमें बज जाये उस पानी को किसी नहाने वाले बर्तन में या बाल्टी बगैरराह में डालकर उससे आप ग़ुस्ल कर लें और ग़ुस्ल उसी तरह से करें उमुमन आप हर रोज ग़ुस्ल करते हैं अगर आप इस तरह से करेंगे तो
  • इंशाल्लाह उल अज़ीज़ एक साल तक आप जादू ,सहर,
  • टोना, वगैरह से महफूज रहेंगे और कोई अगर
  • आपके ऊपर सहर करना चाहेगा तो सालभर तक
  • आपके ऊपर कोई सहर नहीं कर सकता है और
  • मियां-बीवी के दरमियान जो तल्खियां रहती
  • है शौहर बीवी के दरमियान जो आपसी तनाज़ो रहता है
  • झगड़े-लड़ाई वगैरह रहता है बोह भी इंशाअल्लाह
  • खत्म हो जाएगी और मोहब्बताना जिंदगी गुज़रेगी
  • जैसा के इस रिबायत को हज़रते अल्लामा बरुद्दीनी एनी अलेहे रिज़वान ने अपनी किताब हमदतुल क़ारी मे हज़रत ए वाहब के हवाले से नक़ल फ़रमाया है आप पहला तरीका समझ गए अब दूसरा तरीका सुन ले बेरी के 7 पत्ते ले और उस पत्ते को थोड़े पानी मे डालकर खौला ले फिर उस पानी को जिस पानी मे आप ग़ुस्ल करें उसमे बेरी के पत्तों का पानी मिला ले फिर उस पानी से ग़ुस्ल कर ले बेरी के पत्तों से ग़ुस्ल करना शब ए बारात मे यह हमारे बुज़ुर्गो से साबित है हमारे बुज़ुर्गगाने दीन भी शब ए बारात की रात बेरी के पत्तों के पानी से ग़ुस्ल करते थे जैसा की खुद हुज़ूर आला हज़रत अलेहे रिज़वान भी बेरी के पत्तों के पानी से शब ए बारात मे ग़ुस्ल करते थे हुज़ूर मुफ़्तीये आज़म ए हिन्द भी शब ए बारात की रात बेरी के पत्ते के पानी से ग़ुस्ल किया करते थे इंशाअल्लाह जो इंसान भी इस तरह से ग़ुस्ल करेगा वो अगले पुरे साल बीमारी जादू से महफूज़ यानि बचा रहेगा उस पर कोई जादू असर नहीं कर सकता अल्लाह के हुक्म से लेकिन इस हवाले से चंद ज़रूरी हिदायत और चांद ज़रूरी बातो को आपको ध्यान मे रखना है
  • 1 – शब ए बारात मे बेरी के पत्तों से ग़ुस्ल करना कोई फर्ज़ या वाज़िब नहीं है यानि के अगर कोई इंसान इस रात बेरी के पत्तों से ग़ुस्ल ना भी करें तो कोई गुनाह नहीं है लेकिन शब ए बारात मे बेरी के पत्तों से ग़ुस्ल करना मुस्तहब यानि एक अच्छा अमल है करना चाहिए लेकिन बहुत सारे
  • लोग ऐसे भी मिलेंगे आपको जो लोग बेरी के
  • पत्ते से ग़ुस्ल नहीं करते हैं तो अगर आप यह
  • जान लें कि फला आदमी ने बेरी के पत्ते से
  • ग़ुस्ल नहीं किया है तो हमें और आपको यह हक नहीं
  • है कि हम किसी को बुरा कहें या उसे मजबूर
  • न करें बल्कि एक मुस्तहब अमल है जो करेगा
  • ह फायदा देखेगा जो नहीं करेगा तो बो नहीं देखेगा
  • दूसरी बात यह कि
  • इस नियत से ग़ुस्ल करें कि अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त इस
  • अमल की बरकत से यानि बेरी के पत्ते के ग़ुस्ल की बरकत से अल्लाह साल भर तक हमें जादू बीमारी से ही महफूज रखेगा और अल्लाह रब्बुल
  • इज़्ज़त हमारी हिफाजत फरमाएगा आप
  • इस इस नियत से ग़ुस्ल करें और कब ग़ुस्ल करें तो इस
  • तालूक़ से मैं आपको बताऊं कि 14 शबानुल मोआज़्ज़म
  • जैसा कि मैंने पहले भी बताया 14 शबानुल मोआज़्ज़म का दिन गुज़ार कर मगरिब के बाद से क़ब्ले फज़र मतलब मगरिब और फज़र के दरमियान 15 बी शब मे मगरिब और फज़र के दरमियान जब चाहे आप ग़ुस्ल कर सकते है बेरी के पत्ते से इंशाअल्लाह उल अज़ीज़ इस का आप को फायदा मिलेगा
  • 3.और आखिरी मेरी बात बहुत सारे लोग आप को ऐसे भी मिलेंगे के ये जान लेते है के बेरी के पत्ते से हमें ग़ुस्ल करना है तो दरख़्त किसी का भी उजाड़ देते है बेरी का पत्ता तोड़ कर ले आते है
  • तो याद रखें बेरी का पत्ता किसी की भी बगैर इजाज़त तोड़ कर लाएंगे तो याद रखे फायेदा होने की वजह नुकसान हो सकता है
  • इसलिए जब भी आप किसी के बेरी के पत्तों को तोड़
  • कर के लाएं तो फिर आप उससे इजाज़त ले लें या उससे खरीद लें और अगर कोई ऐसा दरख़्त हो क्यूंकि बेरी का दरख़्त जो है बो अक्सर जिस जगह पे हो किसी ख़ास की मिल्कीयत मे नहीं होता है तो फिर आप उस दरख़्त से बेरी के पत्ते ला सकते है उस के लाने मे कोई हर्ज की बात नहीं है लेकिन जब दरख़्त किसी की मिल्कीयत मे हो या किसी की अपनी ज़मीन मे हो तो फिर हमें चाहिए की उस के मालिक से या उस दरख़्त बाले से हमें उस की इजाज़त लेंनी चाहिए उस के बाद उस बेरी के पत्तों को तोड़ कर लाए
  • आप इन 3 बातों का ख़ास धियान ज़रूर रखें ग़ुस्ल करते वक़्त जब आप बेरी के पत्ते से ग़ुस्ल करें इंशा अल्लाह उल अज़ीज़ आप को इस का भरपूर फायदा मिलेगा और आप साल भर तक सेहत याब रहेंगे टोना टोटका बगैररह से इंशाअल्लाह आप महफूज रहेंगे
  • हमें उम्मीद है आप हमारी इन बातों को समझ गए होंगे तो आप सबाब की नियत से आप दोस्तों तक भी इस वीडियो को पहुंचाए ताकी हमारे दूसरे इस्लामिक बहन भाई भी इस से फ़ायदा हासिल कर सकें
  • अस्सलामुअलैकुम वरहमतुल्लाहि व बरकातुह
  • السَّلاَمُ عَلَيْكُمْ وَرَحْمَةُ اللهِ وَبَرَكَاتُهُ

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