सूरह फातिहा के राज़ | Surah Fatiha Ka Wazifa | Surah Fatiha Ki Fazilat | Alhamdo Sharif

प्यारे अजीज दोस्तों, मैंने सोचा क्यों ना आप लोगों को आज एक ऐसा अमल, एक ऐसी ताकतवर दुआ के बारे में बताया जाए जिसको आज तक जो इंसान भी रात में पढ़ कर सोया तो सुबह तक उसकी मुराद पूरी हुई। यह ऐसा अमल है प्यारे दोस्तों जो आप लोगों को किसी के भी आगे हाथ फैलाने से बचाता है यानी की मोहताजी को दूर करता है। इस अमल को कैंसर के मरीजों के ऊपर जब तजुर्बा किया गया। तो हैरत करने वाली बात सामने आई कि कैंसर से अल्लाह रब्बुल इज्जत ने शिफा बख्शी। अब आप लोग इसी एक छोटी सी फजीलत से इस अमल की ताकत का अंदाजा लगा सकते हैं कि कैंसर की दवा दुनिया के अंदर मौजूद नहीं है। लेकिन अल्लाह रब्बुल इज्जत ने इस दुआ के अंदर, इस कुरानी अमल के अंदर कैंसर की शिफा भी छिपा रखी है। यह ऐसा अमल है जो आप लोगों को दुश्मनों से भी बचाएगा। यह ऐसा अमल है जो आप लोगों को बे बरकती से भी महफूज रखेगा। यह ऐसा अमल है जो आप लोगों को जादू टोनों से भी बचाएगा। यह ऐसा अमल है जिसको पढ़ने के बाद में अल्लाह रब्बुल इज्जत से जो भी सवाल किया जाए तो अल्लाह रब्बुल इज्जत अता करता है। प्यारे दोस्तो बहुत से लोग कंफ्यूज होंगे कि हम कौन से अमल की बात कर रहे हैं तो मेरे प्यारे अजीज दोस्तों, हम उस अमल की बात कर रहे हैं जिससे कुरआने मजीद शुरू होता है। आज इस पोस्ट के अंदर हम आप सभी लोगों को अलहम्दू शरीफ यानी के सूरह फातिहा के कुछ जबरदस्त किस्म के फायदे यानी कि राज बताने वाले हैं। आप सभी लोगों से गुजारिश है इस बेहतरीन पोस्ट पर एक लाइक जरूर कर दें और सवाब की नीयत से पोस्ट को आगे शेयर करें। इस पोस्ट को पूरा भी लाजमी देखें। प्यारे अजीज दोस्तों हदीसे पाक में है। यह सूरत हर उस मकसद के लिए फायदेमंद है जिस मकसद से भी इसे पढ़ा जाए यानी कि आपके दिल दिमाग में कोई भी हाजत हो उसकी कुबूलियत के लिए इसको पढ़ना बेहद ही फायदेमंद है। क्योंकि इसके पढ़ने से अल्लाह रब्बुल इज्जत से जो भी जरूरत तलब की जाए, जो भी जरूरत हो उसको मांगा जाए तो अल्लाह इनायत फरमाता है। इस सूरह फातिहा की खुसूसियत यह है कि इसमें अल्लाह के पांच बहुत ही अजीम शान और मर्तबे वाले नाम का जिक्र है और इन्हीं नामों में इस्मे आजम है और इस्मेे आजम की फजीलत यह है कि उसके साथ जो भी दुआ की जाए तो दुआ कुबूल होती है और जो भी सवाल किया जाए तो अता किया जाता है। प्यारे अजीज दोस्तों, सूरह फातिहा का एक और नाम है शिफा क्योंकि इस सूरह मुबारका के अंदर अल्लाह रब्बुल इज्जत ने हर बीमारी के लिए शिफा रखी है। आइए दोस्तों अब आप लोग एक एक करके सूरह फातेहा यानी कि अलहम्दू शरीफ की फजीलत को सुनिए। इसके राज को जानिए रिज्क में बढ़ोतरी और दूसरों से बेनियाज़ के लिए यानी कि दूसरों के आगे हाथ फैलाने से बचने के लिए अपने काम कारोबार में बेशुमार बरकत के लिए अजीज दोस्तों, जो शख्स भी रिज्क में बढ़ोतरी और लोगों के सामने हाथ फैलाने से बचना चाहता है, अगर गरीब है, अपनी गरीबी को हमेशा के लिए खत्म करना चाहता है, कोई काम कारोबार है, उसमें बरकत नहीं होती, घर के अंदर बरकत नहीं होती, काम कारोबार को तेजी से चलाना चाहता है, अपने घर के अंदर बेशुमार बरकत लाना चाहता हैतो वह इस अमल को करे। अमल क्या है? रोजाना इशा की नमाज के बाद में सोने से पहले 28 बार सूरह फातिहा यानी कि अलहम्दू शरीफ को पूरा पढ़ कर सोए पूरा यानी कि वलदुआलीन आमीन तक। 28 मर्तबा आप लोग रोजाना सोने से पहले पढ़ना इस सूरह मुबारका को शुरू करेंगे। अजीज दोस्तों, 10वें दिन या 11वें से 12वें दिन में आप लोगों को अपने रिज्क के अंदर बेतहाशा बरकतें देखने को मिलेंगी। कहीं ना कहीं से कोई ना कोई ऐसा जरिया बनेगा कि आप लोगों की आमदनी बढ़ जाएगी। आपके अंदर अल्लाह रब्बुल इज्जत की रहमतें और बरकतें नाजिल होते हुए दिखेंगी। यह अमल अजीज दोस्तों अमीर बनने के लिए दौलतमंद बनने के लिए बेतहाशा मुफीद है। प्यारे अजीज दोस्तों यह सूरत नमाज में पढ़ने वाली सूरह है। इस सूरह को अगर ना पढ़ा जाए तो नमाज नहीं होती है। इस सूरह के पढ़ने से इंसान अल्लाह के करीब रहता है और कई सारे बल्कि बहुत सारे इनामों का हकदार बनता है। सूरह फातिहा पढ़ने वाला शख्स हर तरह की बीमारियों यहां तक कि लाइलाज बीमारियां जैसे कि कैंसर इन सब बीमारियों से महफूज रहता है क्योंकि यह सूरह हमें बीमारियों से बचाती है। अगर कोई इंसान तमाम बीमारियों से शिफा पाना चाहता हो तो वह फज्र की सुन्नत और फर्ज के बीच में एक गिलास पानी या एक बोतल में पानी अपने आगे रखे। जब फज्र की दो सुन्नत पढ़ ले उस बीच में सिर्फ सात मर्तबा सूरह फातिहा को पढ़े। अव्वल आखिर दुरूद पाक भी जरूर पढ़े। बीच में सात बार सूरह फातिहा यानी की अलहम्दू शरीफ पढ़े और यह ध्यान रखें कि यह अमल उसको फज्र की फर्ज जो होते हैं। फर्ज जो जमात से अदा किए जाते हैं उनसे पहले पहले मुकम्मल करना है। जब अमल मुकम्मल करे उसे पानी पर फूंक दे यानी कि दम कर दे फिर उस पानी को मरीज को पिलाए। अल्लाह के फजल करम से उस मरीज के अंदर जैसे जैसे यह पानी जाएगा, जैसे जैसे यह पानी उसके पेट में पहुंचेगा, अल्लाह के फजल करम से उसको शिफा मिलती चली जाएगी। उसके जिस्म के अंदर कोई भी बीमारी हो, धीरे धीरे बाहर निकलती चली जाएगी। इस अमल को मुसलसल तब तक करें जब तक कि इंसान पूरी तरीके से शिफा याद ना हो जाए। मेरे प्यारे अजीज दोस्तों, यह सूरह मुबारका हमारे दिल को मजबूत रखती है। हमारे दिल में मौजूद नफरत और गुस्से को बाहर निकाल देती है। इसीलिए जिस इंसान को भी ज्यादा गुस्सा आता हो या जिस इंसान के दिल में बहुत ज्यादा लोगों के लिए नफरत भरी हुई हो वह इंसान रोजाना सिर्फ एक मर्तबा सूरह फातेहा यानी के अलहम्दू शरीफ को पढ़ लिया करें। अल्लाह के फजल करम से उसको बहुत ज्यादा गुस्सा आना बंद हो जाएगा। यह सूरह रोजाना एक मर्तबा अगर कोई इंसान पढ़ता है तो उसके दिल में पैदा हो रहे तमाम नापाक इरादों को करने से यह सूरह उसको रोक देती है। वह इंसान फिर नेकी की तरफ आ जाता है और ईमानदारी वाला रास्ता अख्तियार करता है। अगर कोई इंसान रोजाना सिर्फ एक ही मर्तबा इस सूरह फातिहा को पढ़ने का एक नियम बना ले तो उस इंसान को अल्लाह रब्बुल इज्जत की बहुत ज्यादा मदद हासिल होती है यानी कि फिर वह कोई भी काम करे सूरह फातिहा की बरकत उसके ऊपर बनी रहती है। फिर वह जो भी काम करेगा अल्लाह के फजल करम से उस काम में उसको कोई परेशानी नहीं आएगी। उसका वह काम बनता चला जाएगा। उसको हर काम में कामयाबी मिलती चली जाएगी। अगर कोई इंसान सिर्फ सात मर्तबा रोजाना किसी भी वक्त में सूरह फातिहा का विर्द करता है यानी की सूरह फातिहा को रोजाना सात मर्तबा पढ़ता है तो उसके दुश्मन चाहे कितने ही ताकतवर क्यों ना हो यह सूरह उसके दुश्मनों से उसकी हिफाजत करेगी। यह सूरह को पाबंदी से सात मर्तबा पढ़ने वाला अल्लाह रब्बुल इज्जत की हिफाजत में आ जाएगा। जिसकी बदौलत दुनिया की कोई भी नुकसान पहुंचाने वाली चीज चाहे जादू हो, चाहे नजरें बंद हो, चाहे दुश्मनों के वार हो, अल्लाह के फजल करम से वह इंसान हर बुरी चीज, हर नुकसान पहुंचाने वाली चीज से बचा रहेगा। प्यारे अजीज दोस्तों, यह सूरह हमें कयामत के दिन होने वाले अजाब से भी बचाएगी और हमारी सजाओं को कम करेगी। सूरह फातिहा हमेशा सही रास्ता दिखाएगी। अगर आप लोगों को लग रहा है की आप गलत रास्तों पर चल रहे हैं तो आप सूरह फातिहा रोज पढ़े चाहे सिर्फ एक ही मर्तबा पढ़े इंशा अल्लाह तबारक ताला आप लोगों को सही रास्तों पर यह सूरह ले आएगी। यानी की इसको पढ़ने से इंसान का ईमान मजबूत होता है वह सही रास्तों पर चलने लगता है। सूरह फातिहा यानी की अलहम्दू शरीफ हमारे दिमाग को बहुत ज्यादा मजबूत रखती है। अगर किसी इंसान के दिमाग में टेंशन हो और परेशानी से छुटकारा पाना चाहता हो, अपने दिमाग को अपनी याददाश्त को मजबूत करना चाहता हो तो वह इंसान रोजाना रात को सोने से पहले सिर्फ तीन मर्तबा सूरह फातिहा यानी की अलहम्दू शरीफ को पढ़कर सो जाया करे। उसके दिमाग में चल रही हर टेंशन भी दूर होगी। साथ के साथ उसका दिमाग भी मजबूत होगा। यह सूरह फातिहा पढ़ने वाला इंसान। प्यारे अजीज दोस्तो अल्लाह के बहुत ज्यादा करीब हो जाता है जिसकी बदौलत वह हर तरीके के गुनाह से भी बचा रहता है। एक और फजीलत यह है कि सूरह फातिहा पढ़ने वाले शख्स के लिए अल्लाह रब्बुल इज्जत जन्नत के दरवाजे खोल देता है। सूरह फातिहा पढ़ने वाला शख्स बुरी बलाओं और आफतों और परेशानियों से भी महफूज रहता है। प्यारे अजीज ने ग्रामीण सूरह फातिहा के अंदर इस्मे आजम है। और इस्मेे आजम की बहुत बड़ी फजीलत है। इस्मे आजम को ऐसा बताया गया है कि जो इंसान भी इस्मे आजम का वजीफा पढ़े वह चाहे कोई से भी इसमें आजम हो। इस सूरह के अंदर अल्लाह रब्बुल इज्जत के पांच मुबारक नाम, बहुत मर्तबे वाले नामों का जिक्र हुआ है तो जो इंसान भी इन इस्मे आजम की बरकत से दुआ मांगे यानी कि सूरह फातिहा को पढ़कर दुआ मांगे तो अल्लाह रब्बुल इज्जत उसकी मुरादों को कुबूल फरमाता है। अब प्यारे दोस्तों जो मैंने शुरू में जिक्र किया की अगर कोई इंसान रात को सूरह फातिहा को पढ़ कर सोए तो सुबह तक उसकी मुराद पूरी हो जाती है। वह वजीफा आप लोगों को कैसे करना है, वह अमल आप लोगों को कैसे करना है सुनिए इस अमल में आप लोगों को थोड़ी सी मेहनत लगेगी। करना क्या होगा आप लोग रात को जब सोने जाते हो तो आप लोग सबसे पहले सोने से भी पहले वुजू बना लीजिए। वुजू बनाने के बाद में आप लोग दो रकात नफील नमाज हाजत की नीयत से पढ़िए। हाजत की नीयत से जब आप लोग यह दो रकत नफी नमाज मुकम्मल कर ले। नफीलcनमाज का तरीका वही है जैसे आप लोग आम नफील नमाज पढ़ते हैं बस आप लोग अपने दिल में यह अकीदा बना ले। यह नीयत बना ले की आप लोग अपनी किसी भी हाजत की कुबिलियत के लिए यह दो रकअत नफील नमाज पढ़ रहे हैं। उसके बाद में आप लोगों को जहां पर नमाज अदा की आप लोगों ने वहीं बैठे बैठे ही 313 मर्तबा सूरह फातिहा को पढ़ना होगा मैंने आप लोगों को शुरू में ही बताया की यह मुश्किल अमल है लेकिन अजीज दोस्तों सुबह तक आप लोगों की इससे मुराद जरूर पूरी होगी। यह मेरा ईमान कहता है। यह मेरा यकीन कहता है। आप लोग थोड़ी सी मेहनत करके देखिए। 313 मर्तबा जब आप लोग सूरह फातेहा को पढ़ ले, अलहम्दू शरीफ को पढ़ ले तो आप लोग अल्लाह रब्बुल इज्जत से अपनी हाजत की दुआ मांग कर सो जाएं। यकीन रखें की इंशा अल्लाह आप लोगों को अगले दिन में कहीं ना कहीं से कोई ना कोई खुशखबरी मिलेगी जिससे आपको यह मालूम चलेगा की आपकी जो भी मुराद थी वो पूरी हुई बेशक अल्लाह रब्बुल इज्जत ने कुरान ए करीम कुरआने मजीद के हर एक लफ्ज़ में कोई ना कोई सिफत रखी है अगर कोई इंसान इसको हासिल करना चाहे। क़ुरआने करीम की किसी भी फजीलत को हासिल करना चाहे तो यकीनन महरूम नहीं रहेगा। आप लोग भी पढ़ कर देखें, तजुर्बे लेकर देखें वीडियो पर एक लाइक जरूर कर दें और सवाब की नीयत से वीडियो को आगे शेयर करें। अस्सलाम वालेकुम रहमतुल्लाह ही बरकत हो।

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Shabbar Malik

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