
- जुम्मे के दिन पढ़े जाने वाला अमल
जुम्मा, यानी FRIDAY शुक्रवार, इस्लाम में सबसे मुबारक दिन है। हदीस में आता है:
رسول الله ﷺ ने फ़रमाया:
“जुम्मे का दिन हफ्ते का सरदार है और अल्लाह के नज़दीक सबसे अफ़ज़ल दिन है।”
(सुनन इब्ने माजाह: 1084)
इस दिन कुछ खास अमाल करने की बहुत बड़ी फज़ीलत है:
सूरह अल-कहफ़ की तिलावत
दुरूद शरीफ़ की कसरत
ग़ुस्ल करके मस्जिद में जल्दी जाना
खुत्बा ग़ौर से सुनना
जुमे की नमाज़ जमाअत से अदा करना
नमाज़ के बाद तस्बीह और ज़िक्र करना
दोपहर के बाद (असर के बाद) अल्लाह से खास दुआ करना
- हर दुआ कबूल होगी
जुम्मे के दिन एक ऐसा लम्हा आता है जिसमें की गई हर दुआ अल्लाह तआला ज़रूर कुबूल करता है।
हदीस शरीफ़:
“जुम्मे के दिन एक ऐसी घड़ी होती है कि अगर कोई मुसलमान उस वक्त अल्लाह से कुछ मांगे तो अल्लाह उसे ज़रूर अता करता है।”
(बुखारी: 935, मुस्लिम: 852)
📌 वक़्त: ज़्यादातर उलमा के मुताबिक वो वक़्त असर की नमाज़ के बाद से लेकर मगरिब तक होता है।
✅ उस समय आप जो भी सच्चे दिल से दुआ करेंगे – चाहे नौकरी हो, शादी, घर की बरकत, माफ़ी, रहमत – अल्लाह सुनता है।
- जुम्मे के वज़ीफे की फज़ीलत
जुम्मे के दिन वज़ीफा करना अल्लाह की रहमत को खींच लाता है। खासकर अगर आप दिल से करें, यक़ीन और सब्र के साथ।
🎯 एक असरदार वज़ीफ़ा:
“या रहमानु या रहीमु या ग़नीु या वह्हाबु”
इसको 100 बार जुम्मे के दिन असर के बाद पढ़ें और फिर दुआ करें।
💎 फायदा:
रुकी हुई रिज़्क खुलेगा
दिलों की नरमी
मोहब्बत और इज़्ज़त
बीमारियों से शिफा
रूहानी सकून
- जुम्मे के दिन के फायदे
जुम्मे का दिन अल्लाह के सबसे ज़्यादा पसंदीदा दिनों में से है।
इसी दिन हज़रत आदम अ.स. पैदा हुए और इसी दिन जन्नत में दाख़िल हुए।
क़ियामत भी जुम्मे के दिन होगी।
मुसलमानों के गुनाह माफ किए जाते हैं अगर वो सच्चे दिल से तौबा करें।
इस दिन की नमाज़ और खुत्बा सुनना बहुत बड़ा इबादत है।
- क़ुरआन और हदीस के साथ
क़ुरआन:
“फैज़ा क़ुज़ियतिस्सलातु फंतेशिरू फ़िल अर्दि वब्तगू मिन फज़्लिल्लाह…”
(सूरतुल-जुमुआ: 10)
हदीस:
“जो जुमे के दिन ग़ुस्ल करता है, साफ़ कपड़े पहनता है, जल्दी मस्जिद जाता है, इमाम के क़रीब बैठता है और खुत्बा ग़ौर से सुनता है, उसके पिछले जुमे से इस जुमे तक के गुनाह माफ कर दिए जाते हैं।”
(बुखारी: 883)
- वज़ीफ़ा कब करना है
जुम्मे का वज़ीफ़ा असर की नमाज़ के बाद से लेकर मगरिब से पहले तक करना सबसे असरदार माना जाता है।
📿 उस वक़्त माहौल रूहानी होता है, बंदा अपने रब से जुड़ा होता है और दुआ का असर तेज़ होता है।
शर्त: दिल से पढ़ें, ध्यान से पढ़ें, किसी भी गुनाह के साथ वज़ीफ़ा न करें।
- वज़ीफ़ा पूरा होने के बाद दुआ मांगने का सही तरीका
- दो रकात नफ्ल नमाज़ पढ़ लें – नीयत करें कि “या अल्लाह, मेरे वज़ीफ़े को कुबूल फ़रमा।”
- दुरूद शरीफ़ पढ़ें – 11 बार पहले और 11 बार आख़िर में।
- फिर दुआ करें:
पहले अल्लाह की तारीफ़ करें (या अल्लाह, तू रहमान है, रहीम है…)
फिर दुरूद शरीफ़
उसके बाद अपना दर्द, मसला, तकलीफ़ बयान करें जैसे आप किसी करीबी से बात कर रहे हों
आखिर में यक़ीन से कहें:
“या अल्लाह, तू ही मेरी उम्मीद है, तू ही मेरा सहारा है। मुझे अकेला मत छोड़।”
अंत में फिर दुरूद शरीफ़ और आमीन कहें।
📺 Wazifa Power – एक ऐसा इस्लामी यूट्यूब चैनल है जो आपकी रूहानी और दुनियावी परेशानियों का हल कुरआन और हदीस की रौशनी में देता है।
🌙 चैनल का मक़सद है –
लोगों को वज़ीफ़ों के सही तरीके बताना
कुरआनी दुआओं की ताक़त से लोगों की ज़िंदगी को बेहतर बनाना
मोहब्बत, शादी, रिज़्क, नौकरी, दुश्मन, घर की परेशानी जैसे मसाइल का हल देना
💡 यहां की हर वीडियो हदीस और कुरआन पर आधारित होती है, और ज़िंदगी से जुड़ी हर तकलीफ़ के लिए असरदार वज़ीफ़े पेश किए जाते हैं।
📱 Instagram पर Wazifa Power का Official Page –
यहां आपको मिलती हैं रोज़ाना की रूहानी बातें, इस्लामी मोटिवेशन, वायरल वज़ीफ़े, हदीस, दुआ और दिल को छू लेने वाली पोस्ट।
🎥 Instagram Reels पर भी आपको छोटी मगर असरदार वीडियो मिलेंगी जो आपको अल्लाह से जोड़ने और आपकी मुश्किलें आसान करने में मदद करती हैं।
📌 Handle: @wazifa_power
Follow ज़रूर करें और अपनी ज़िंदगी में सकून पाएं।
✍️ यह मुकम्मल और तस्दीक़ शुदा पोस्ट Wazifa Power Team की तरफ़ से पेश की गई है, जिनका मक़सद है आपको सही, असरदार और हदीस की रौशनी में तस्लीम शुदा वज़ीफ़े देना।
👤 इस पूरी पोस्ट के पीछे जो मेहनत, इल्म और इख़लास है, वो है – Owner Shabbar Malik की।
उन्होंने अपने तजुर्बे, इल्म और दुआओं की ताक़त को आप तक पहुंचाने का काम किया है, ताकि हर मुसलमान अपने मसाइल का हल इस्लामी तरीके से पा सके