Ramzan 2025 का चाँद देखने की दुआ | रमज़ान का चाँद | Ramadan Ka Chand Dekhkar Ye Duayen Zaroor Padhe | Wazifa Power

रमजान हर किसी को नसीब हो जाएगा मगर रोज
हर किसी को नसीब नहीं होता है आज की
वीडियो में बात करेंगे रमजान का चंद देख
कर एक ऐसा अमल किया जाता है जिसको करने से
आपकी तमाम दुआएं काबुल हो जाति हैं वो दिन
साल में सिर्फ एक ही बार आता है और वो है
रमजान का चंद देखने का दिन इमाम अली AS
ने फरमाया ए लोगों रमजान का इस्तकबाल करना
इंतजार करना हर मुसलमान की निशानियां में
से सबसे अजीम निशानी है तो एक शख्स ने
पूछा या अली वह क्या है इमाम अली AS
ने फरमाया रमजान का चंद अल्लाह की तरफ से
इंसानों के लिए रहमत का ऐलान होता है याद
रखना जब रमजान का चंद आसमान पे ज़ाहिर होता
है तो अल्लाह के फरिश्ते अल्लाह की रहमत
ख़ज़ाने अपने हाथों में लिए जमीन पर फिरते
रहते हैं की कौन है वो अल्लाह का बांदा
रहमत वाले महीने में अपने गुनाह माफ कराएगा
अल्लाह की रहमत और उसकी नेमत लेकर अपनी
मुरादे अपनी दुआएं अपनी हाजत अपना मकसद
काबुल करवाइए ए शख़्स
जब भी रमजान का चंद दिखाई दे तो उसे वक्त
में आपको एक अमल करना है वो अमल में आपको
बताता हूं जैसे ही आप उसे अमल को करें
अपने दोनों हाथों को अल्लाह की बारगाह में
फैला दें और जो तुम अल्लाह से मांगना
चाहते हो वो दुआ के जरिए से मांग लीजिएगा
अल्लाह उस इंसान की सारी दुआएं काबुल कर
लेता है तो उसे शख्स ने पूछा या अली अगर
इंसान की निगाह रमजान के चंद पर ना पड़े
या उसको चंद दिखाई ना दे तो इमाम अली As
ने फरमाया जब रमजान के चंद की खबर मिले या
किसी से सुनो उसे पाल में फौरन इस अमल को
करना शुरू कर दो और अल्लाह से दुआ मांग लो
इंशाल्लाह तुम्हारी हर मुराद पुरी हो
जाएगी वो अमल ये है आपको सबसे पहले

तीन बार शुरू में दुरूद-ए-पाक पढ़ना होगा उसके बाद

सुराह फातिहा सूरह फातिहा यानी की सभी
भाई-बहनों को याद होगी अगर आपको याद नहीं
है तो इस वीडियो के जारी से सूरह फातिहा
को सुन लीजिएगा

सुराह फ़ातिहा को 21 बार आपको पढ़नी होगी
उसके बाद आपको

तीन बार आख़िर में फिर
दुरूद-ए-पाक पढ़ना
होगा जैसे ही आपका अमल
कंप्लीट हो जाए यानी की जब चंद आपने देखा
और चंद के सामने खड़े होकर आपको सूरह फातिहा 21 बार पढ़ ली और उसके बाद अल्लाह
से दुआ मंगनी या अगर आपको चंद दिखाई नहीं
दियाहै या किसी से खबर मिली मोबाइल के जारी
से या मैसेज के जारी से या किसी ने आपको
आगे बताया तो आपको उसे वक्त में सुराह फ़ातिहा 21 बार पढ़े और उसके बाद अल्लाह से
आप जो दुआ मांगेंगे इंशाल्लाह वो आपकी
काबुल हो जाएगी तो सूरह फातिहा यह रही
बिस्मिल्लाह रहमान

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