Ramzan Me Bibi Se HAMBISTARI Karne Ka Sahi Tarika | रमज़ान मे बीबी से हमबिस्तारी करने का सही तरीका | Wazifa Power

📜 रमज़ान शरीफ में हमबिस्तरी के अहम मसाइल और शरीयत के मुताबिक सही तरीका 📜

अस्सलामु अलैकुम वरहमतुल्लाहि वबरकातुहु!

रमज़ान शरीफ का मुकद्दस महीना आते ही अक्सर लोगों के दिलों में कई सवाल पैदा होते हैं, खासतौर पर उन नौजवानों के, जिनकी नई-नई शादी हुई होती है। शादीशुदा जिंदगी का अहम हिस्सा है कि बीवी और शौहर एक-दूसरे के करीब आएं, लेकिन रमज़ान के महीने में शरीयत के मुताबिक हमबिस्तरी करने के कुछ खास आदाब और मसाइल होते हैं, जिनका ख्याल रखना बहुत ज़रूरी है।

अगर इंसान जाने-अनजाने में कोई ऐसी गलती कर बैठे जिससे उसके रोज़े, नमाज़ या इबादत में कोई खलल पड़ जाए, तो वह खुद को इनाम से महरूम कर सकता है। इसलिए, हमने इस वीडियो को पूरी तहकीक और रिसर्च के बाद तैयार किया है, ताकि आप इस बारे में सही और मुकम्मल मालूमात हासिल कर सकें।

रमज़ान में हमबिस्तरी करने का सही वक्त

शरीयत के मुताबिक, रमज़ान के महीने में शौहर और बीवी के लिए इफ्तार के बाद से लेकर सेहरी से पहले तक हमबिस्तरी करना जाइज़ (मुअत्तर) है।

📌 एहतियात:

सेहरी से इतना पहले हमबिस्तरी करें कि आप ग़ुस्ल कर सकें और पाक होकर फज्र की नमाज़ अदा कर सकें।

गर ग़ुस्ल करने में देर हो गई और नमाज़ क़ज़ा हो गई, तो यह गुनाह होगा।

रोज़े की हालत में हमबिस्तरी हराम है यानी सहरी से लेकर इफ्तार तक शौहर-बीवी के लिए जिस्मानी ताल्लुकात रखना सख़्त मना है

रोज़े की हालत में किन चीज़ों से परहेज़ करें?

📌 हल्की जज़्बात (फीलिंग्स) वाली हरकतें जैसे कि बीवी को गाल पर चूमना, अगर इससे आगे बढ़कर नफ़्सानी ख़यालात न आएं, तो इसमें कोई हर्ज नहीं। लेकिन…

अगर इससे जिन्सी जज़्बात (फीलिंग्स) जाग उठें और इत्तिफ़ाक से ग़ुस्ल वाजिब हो जाए, तो रोज़ा मकरूह हो जाएगा, जिससे गुनाह का खतरा है।

लिप किस (मुंह पर चुंबन) से परहेज़ करें क्योंकि अगर शौहर या बीवी का थूक एक-दूसरे के हलक़ में चला गया, तो रोज़ा मकरूह हो जाएगा।

ग़लत या बेहूदा बातें करने से बचें, क्योंकि रमज़ान का महीना पाकीज़गी और इबादत का महीना है।

हमबिस्तरी के दौरान पढ़ने की दुआ

हमारे प्यारे आका, हुज़ूर-ए-पाक सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया कि जब कोई शख्स अपनी बीवी से हमबिस्तरी का इरादा करे, तो यह दुआ पढ़े:

بِسْمِ اللَّهِ، اللَّهُمَّ جَنِّبْنَا الشَّيْطَانَ، وَجَنِّبِ الشَّيْطَانَ مَا رَزَقْتَنَا

हिंदी-उर्दू तर्जुमा:

अल्लाह के नाम से शुरू करता हूँ, ऐ अल्लाह! हमसे शैतान को दूर रख और जो औलाद तू हमें अता करे, उसे भी शैतान से दूर रख।”

(📖 सहीह बुखारी, हदीस नंबर 3271)

🔹 इस दुआ को पढ़ने से शैतान इंसान के हमबिस्तरी के अमल में दखलअंदाज़ी नहीं कर सकता।
🔹 इस दुआ की बरकत से पैदा होने वाली औलाद पर शैतान का असर नहीं होगा।
🔹 यह दुआ सिर्फ रमज़ान के लिए नहीं, बल्कि हर वक्त के लिए है, जब भी शौहर-बीवी जिस्मानी ताल्लुकात रखें।

मबिस्तरी के दौरान किन बातों का ख्याल रखें?

1️⃣ बीवी और शौहर एक-दूसरे का लिबास हैं
हुज़ूर-ए-पाक सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया:
“मर्द औरत के लिए और औरत मर्द के लिए लिबास है।”
📖 (सूरह अल-बक़रा: 187)

2️⃣ नमाज़ और रोज़े का एहतराम करें

हमबिस्तरी ऐसा वक्त में न करें, जिससे नमाज़ क़ज़ा हो जाए।

सहरी से पहले ग़ुस्ल कर लें, ताकि रोज़ा पाकीज़गी के साथ शुरू हो।

3️⃣ रमज़ान का मुकद्दस एहतराम करें

कोई भी ऐसा अमल न करें, जिससे नफ्सानी ख्वाहिशात हावी हो जाएं और अल्लाह की नाराज़गी हो।

21 मार्च को 8 बजे रात – ख़ास इस्लामी वीडियो

📌 “नूरी रमज़ान” नाम की एक बहुत ही ख़ास और दिल छू लेने वाली इस्लामी वीडियो हमारे चैनल पर अपलोड होने वाली है।

इस अहम जानकारी को दूसरों तक पहुंचाएं!

बहुत सारे लोग रमज़ान शरीफ के दौरान हमबिस्तरी से जुड़ी ग़लतियां कर बैठते हैं, इसलिए इस वीडियो को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें ताकि हर मुसलमान इस पाक महीने की शरई हिदायतों पर अमल कर सके और अल्लाह की रहमतों का हक़दार बने।

💠 दुआ है कि अल्लाह तआला हमें शरीयत के मुताबिक़ ज़िंदगी गुज़ारने और रमज़ान की बरकतों को हासिल करने की तौफ़ीक़ अता फरमाए। आमीन! 🤲


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