Ya Azizu – किसी भी इंसान को अपने वश मे करें | Shohar Ki Mohabbat | Vshikaran |Wazifa Power

टॉपिक: मोहब्बत, रिश्ता और दिल को जीतने का इस्लामी तरीका)

  1. प्यारे भाइयों और बहनों,
    क्या कोई ऐसा है जो आपसे रूठ गया है?
    कोई अपना जो अब दूर हो गया है?
  2. क्या आप किसी को मनाना चाहते हैं, लेकिन वो समझ नहीं रहा?
    क्या आप चाहते हैं कि वो फिर से आपकी जिंदगी में लौट आए?
  3. या फिर कोई है जिसे आप पसंद करते हैं…
    लेकिन वो शख्स आपको अहमियत नहीं देता?
  4. क्या आप चाहते हैं कि उसके दिल में आपके लिए मोहब्बत पैदा हो जाए?
    वो आपको समझे, आपकी कद्र करे, आपकी बात माने?
  5. या फिर आप शादी करना चाहते हैं,
    लेकिन नेक रिश्ता ही नहीं आ रहा…
    लोग इरादा रखते हैं लेकिन निभाते नहीं।
  6. ये सब परेशानियां आज के दौर की सच्चाई हैं,
    हर घर में रिश्तों की कमी, दूरियों की दीवार और दिलों में तन्हाई है।
  7. लेकिन याद रखिए —
    किसी का दिल बदलना इंसान के बस में नहीं,
    बल्कि अल्लाह के इज़्न (हुक्म) से ही हर दिल बदलता है।
  8. कुरआन में अल्लाह तआला फ़रमाता है:
    “إِنَّ قُلُوبَ بَنِي آدَمَ بَيْنَ إِصْبَعَيْنِ مِنْ أَصَابِعِ الرَّحْمَنِ يُقَلِّبُهَا كَيْفَ يَشَاءُ”
    (सहीह मुस्लिम)
    “बनी आदम के दिल रहमान की उंगलियों के बीच हैं, वह उन्हें जिधर चाहता है फेर देता है।”
  9. तो जब हम चाहते हैं कि कोई इंसान हमें समझे, हमें चाहे,
    तो हमें उसी अल्लाह से माँगना है, जो दिलों का मालिक है
  10. प्यारे दोस्तों,
    आज हर घर में एक ही किस्सा है —
    रिश्ते टूट रहे हैं, मोहब्बतें बिखर रही हैं,
    लोग पास होकर भी दिलों से दूर हैं।
  11. कोई ऐसा शख्स जो कभी बहुत अपना था,
    अब बात भी करना गवारा नहीं समझता…
  12. किसी को दिल से चाहा —
    लेकिन उसने हमें कभी क़ुबूल ही नहीं किया…
  13. किसी के लिए सब कुछ किया —
    लेकिन बदले में सिर्फ बेरुख़ी मिली…
  14. शादी करना चाहते हैं,
    लेकिन अच्छे रिश्ते की दरवाज़ा ही नहीं खुलता…
  15. या फिर रिश्ता है,
    लेकिन उसमें न मोहब्बत बची है न कद्र।
  16. ऐसी हालत में दिल तड़पता है…
    आँखें नम होती हैं…
    और इंसान बस यही कहता है:
    “या अल्लाह… कोई रास्ता दिखा दे…”
  17. और यही वो जगह है जहां से
    क़ुरआन और हदीस की रोशनी में एक बेहतरीन अमल शुरू होता है।
  18. मेरे अज़ीज़ो…
    अगर आप सच्चे दिल से चाहते हैं कि कोई शख्स आपके करीब आए,
    आपसे मोहब्बत करे,
    आपकी इज़्ज़त करे,
    आपकी बात माने –
    तो यकीन जानिए, ये अमल आपके लिए ही है।
  19. ये सिर्फ आशिक़-माशूक़ के लिए नहीं है…
    बल्कि एक बीवी अपने शौहर के लिए कर सकती है,
    शौहर अपनी बीवी के लिए कर सकता है,
    माँ अपनी औलाद के लिए,
    औलाद अपने माँ-बाप के लिए,
    भाई-बहन, दोस्त, रिश्तेदार…
    हर कोई इस अमल को कर सकता है —
    जिससे दिलों में इज़्ज़त, मोहब्बत और करम पैदा हो।
  20. मैं खुलकर नहीं कह रहा,
    लेकिन जो लोग समझदार हैं —
    वो इशारा भी काफी है उनके लिए।
  21. ये कोई मामूली अमल नहीं है —
    ये वो अमल है जो 24 घंटे में असर करता है,
    और इंशा अल्लाह तआला —
    जिसके लिए करोगे,
    उसे बेचैन कर देगा, उसे तुम्हारी तरफ खींच लाएगा।
  22. लेकिन शर्त बस इतनी है —
    आपका दिल सच्चा हो, और नियत साफ़ हो।
  23. मैंने इस वीडियो के लिए बहुत मेहनत की है…
    क्योंकि मैं चाहता हूँ कि आपकी ज़िंदगी बदले…
    आपको सुकून मिले…
    और वो रिश्ता, जो तड़प दे रहा है,
    वो आपके करीब आ जाए।
  24. तो अब मैं आपसे सिर्फ इतना कहूंगा —
    इस वीडियो को लाइक जरूर कीजिए…
    क्योंकि इतना पावरफुल वज़ीफ़ा,
    इतना असरदार अमल —
    अगर आप इसकी कदर नहीं करेंगे,
    तो फायदा कैसे पाएंगे?

परेशानी दूर करने की दुआ)

  1. सबसे पहले आइए —
    हम और आप सब मिलकर हाथ उठाते हैं,
    और अपने रब, अल्लाह तबारक व तआला से दुआ करते हैं…
  2. या अल्लाह…
    जो भी बंदा इस वीडियो को देख रहा है,
    उसकी परेशानियाँ तू अपनी रहमत से दूर कर दे…
  3. या रहमान, या रहीम…
    जिन दिलों में बेचैनी है, तू सुकून अता फ़रमा…
  4. जिनके रिश्ते टूट चुके हैं,
    या अल्लाह, तू उनकी जोड़ बना दे…
  5. जिनकी दुआएँ अब तक रुकी हुई हैं,
    या रब्ब… उन्हें इस वीडियो की बरकत से क़ुबूल फ़रमा ले…
  6. या अल्लाह…
    अपने महबूब हज़रत मुहम्मद मुस्तफ़ा
    (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) के सदके में,
    इन लोगों के बिगड़े हुए काम बना दे…
  7. उनकी ज़िन्दगी में खुशियाँ भर दे,
    उनके घरों को आबाद कर दे,
    और उनके दिलों को सुकून अता फ़रमा दे…
  8. आमीन या रब्बल आलमीन…
    اللهم آمين
  9. भाईयों और बहनों,
    कमेंट बॉक्स में “आमीन” जरूर लिखिए…
    क्या मालूम —
    किसकी ज़ुबान से निकला हुआ “आमीन”
    अल्लाह की बारगाह में सीधे क़ुबूल हो जाए।

अमल की सही तरीका और उसकी अहमियत

  1. दोस्तों, ध्यान से सुनिए – ये कोई मुश्किल या टेढ़ा-मेढ़ा तरीका नहीं है।
  2. हर कोई इसे आसानी से अपना सकता है और अपने रिश्तों में सुधार ला सकता है।
  3. हमारे चैनल पर आपसे हमेशा आसान और असरदार बातें शेयर की जाती हैं, ताकि आप किसी उलझन में न पड़ें।
  4. इस अमल को करने का सही वक्त है इशा की नमाज के बाद। पहले इशा की नमाज पूरी इख़लास और खामोशी से अदा कर लें।
  5. नमाज के बाद खामोशी में रहकर इस अमल को करें, क्योंकि बात करते हुए ध्यान भटक सकता है और असर कम हो सकता है।
  6. ध्यान रहे, इस अमल के वक्त किसी से बातचीत न करें, पूरी तन्हाई और एकाग्रता के साथ इसे अंजाम दें।

हदीस की रोशनी में:
رسول الله ﷺ ने फरमाया: “अल्लाह सबसे ज्यादा उन लोगों से खुश होता है जो दिल से उसकी बात सुनते हैं और अमल करते हैं।” (सहीह अल-बुखारी)
इसलिए खामोशी और पूरी नीयत के साथ अमल करना बहुत जरूरी है

सबसे पहले आप लोगों को

3 बार शुरू मे दुरुद ए पाक पढ़े

या अज़ीजो – 101 बार पढ़
उसके बाद उस इंसान का नाम लेना है जिसके लिए आप अमल कर रहे है

फिर उसके बाद

या रहमानू – 100 बार पढ़े

3 बार आखिर मे दुरुद ए पाक पढ़े

वज़ीफ़ा करने के बाद दुआ और असर

  1. अमल मुकम्मल हो जाने के बाद, अब आपको अल्लाह तबारक व ताला से उस इंसान के लिए दुआ करनी है।
  2. आप ऐसा कह सकते हैं:

“यَا अल्लाह! हमने फ़लाना इंसान के लिए ये अमल किया है, उसके दिल में हमारे लिए रहम फरमा दे।”

या फिर “उसके दिल में हमारे लिए इज्जत और मोहब्बत पैदा फरमाए, इंशा अल्लाह।”

  1. ये दुआ बड़ी असरदार है क्योंकि अल्लाह तआला दिलों को बदलने वाला है।
  2. खासतौर पर अगर कोई लड़की इस अमल को करे और उसके रिश्ते नहीं बन रहे हों, तो यह तरीका उसके लिए बहुत फायदेमंद है।
  3. वो इस अमल को करे और सच्चे दिल से दुआ मांगे, इंशा अल्लाह उसके लिए नेक और सही रिश्ते अवश्य आएंगे।
  4. ये दुआ और अमल, दोनों मिलकर दिलों में मोहब्बत और सम्मान पैदा करते हैं।

कुरान और हदीस से तालीम:
अल्लाह तआला फ़रमाता है:
“और अल्लाह वही है जो दिलों को बदल देता है।” (सूरह अर-र्रद, आयत 28)
और हदीस में आया है:
“दुआ तो सबसे शक्तिशाली चीज़ है।” (सुनन अबू दाउद)

  1. दोस्तों, इस अमल को लगातार 11 दिन बिना बीच में छोड़े करना बहुत ज़रूरी है।
  2. अगर बीच में कोई दिन छोड़ा गया तो असर कम हो सकता है, इसलिए पूरी लगन और धैर्य से हर दिन करना है।
  3. हर दिन उसी वक्त इस अमल को करें और पूरा दिल लगाकर करें।
  4. 11 दिन के पूरे होने के बाद, इंशा अल्लाह आपको कामयाबी जरूर मिलेगी।
  5. याद रखें, धैर्य और लगातार मेहनत से ही मकसद हासिल होता है।
  6. अगर आपको ये तरीका समझ आ गया हो, तो वीडियो को लाइक और शेयर जरूर करें ताकि दूसरे भी इसका फायदा उठा सकें।

कुरान की आयत:
अल्लाह तआला फरमाता है:
“अल्लाह उन लोगों के साथ है जो धैर्य रखते हैं।” (सूरह अल-बक़रा, आयत 153)

हदीस:
पैगंबर मुहम्मद ﷺ ने फरमाया:
“अल्लाह तब्दील करता है इंसान का हाल जब तक वह लगातार कोशिश करता रहता है।” (सहीह मुस्लिम)

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